वहां अफवाह फैलने लगी थी कि जमीनदार की लकड़ी को मास्टरजी अपने घर ले गए थे। वहां अफवाह फैलने लगी थी कि जमीनदार की लकड़ी को मास्टरजी अपने घर ले गए थे।
। जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घरवाली के डंडे खाए। । जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घरवाली के डंडे खाए।
जी हां मेरा छःह वर्ष का बच्चा जो मेरा नाम भी नहीं बता पाता ठीक से, उसने आपकी कवितायें जी हां मेरा छःह वर्ष का बच्चा जो मेरा नाम भी नहीं बता पाता ठीक से, उसने आपकी कवि...
अगर एक बार अकाल पड़ जाए तो किसान खेती करना नहीं छोड़ता , समझ लो तुम्हारे जीवन में भी इ अगर एक बार अकाल पड़ जाए तो किसान खेती करना नहीं छोड़ता , समझ लो तुम्हारे जीवन मे...
उधर पंमानी-टंमानी का प्रेशर इधर दिल्ली में किसान ! उधर पंमानी-टंमानी का प्रेशर इधर दिल्ली में किसान !
मुझे देखते हुए उसने फिर से गाना शुरू कर दिया - बाबू जी ये दुश्मन है ख़ुदग़र्ज़ का ... मुझे देखते हुए उसने फिर से गाना शुरू कर दिया - बाबू जी ये दुश्मन है ख़ुदग़र्ज़ ...